बिरहा को अंजन भरिहों
बिरहा को अंजन भरीहो नैनन मा बिरहा को अंजन भरिहों
पिय पिय रटिहो हिय माहिं आस पिय की करिहो
सखी री !बिरहा को अंजन भरिहों.......
पन्थ कठिन होय इस डगरिया प्रेम दिया देहरी धरियो
सखी री ! बिरहा को अंजन भरिहों......
कौन घड़ी पिया घर आवें प्रतीक्षा जाग जाग नित करिहों
सखी री ! बिरहा को अंजन भरिहों......
बिरह अग्न में हिय तपायो तप तप कुंदन करिहों
सखी री !बिरहा को अंजन भरिहों........
पीर बिरह की लगे अति मीठी हँस हँस सखी जरिहों
सखी री ! बिरहा को अंजन भरिहों.......
पिया संग मेरो जन्म को नाता नेह पिया संग करिहों
बिरहा को अंजन भरीहो नैनन मा बिरहा को अंजन भरिहों
पिय पिय रटिहो हिय माहिं आस पिय की करिहो
सखी री !बिरहा को अंजन भरिहों....
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