श्यामा कब आवें
श्यामा कब आवें सब अखियाँ बिछाएं हैँ
प्यारी तेरे पलने में घुँघरू लगाए हैँ
कब हो दरस कीर्तिदा सुकुमारी का 2
देव भी दरस को आकाश में आए हैं 2
श्यामा कब .....
घर घर मिल सखी तोरण सजाओ री 2
रावल गाऊँ के आज भाग जगाए हैं 2
श्यामा कब .........
समस्त ब्रह्माण्डों की स्वामिनी का उत्सव है 2
सुर देव गन्धर्व सब साज लेकर आएं हैं 2
श्यामा कब.......
चलो सखी आज हम उत्सव का आनंद लें 2
श्यामा गुणगान भी भाग वाले गाए हैं 2
श्यामा कब ........
जिन पर कृपा मेरी लाडली की होती है 2
वही देख देख श्यामा लाड लड़ाएं हैं 2
श्यामा कब आवें सब अखियाँ बिछाएं हैँ
प्यारी तेरे पलने में घुँघरू लगाए हैँ
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