नित नित गाऊँ गुण तेरे

नित नित तेरे गुण गाऊ मैं किशोरी राधे
जानूँ नहीं  विधि तोहे  रिझाऊँ मैं किशोरी राधे

तोहे रिझाऊँ श्यामा कोय विधि जानू ना
सर्वत्र मेरी लाडली है हाय पहचानु ना
मुस्काय प्राण प्यारी तो बलि जाऊँ मैं किशोरी राधे
नित नित तेरे गुण गाऊ मैं किशोरी राधे
जानूँ नहीं  विधि तोहे  रिझाऊँ मैं किशोरी राधे

ब्रजमण्डल बरसाने में श्यामा तेरा वास है
अधमी भी तर जायेंगे मुझे विश्वास है
तेरी रज़ा हो तो प्यारी बरसाने आऊँ मैं किशोरी राधे
नित नित तेरे गुण गाऊ मैं किशोरी राधे
जानूँ नहीं  विधि तोहे  रिझाऊँ मैं किशोरी राधे

दीन हूँ मलीन हूँ मैं जैसी भी तुम्हारी हूँ
चरणों की सेवा दीजौ दासी मैं तुम्हारी हूँ
तेरे सुख पाने से सुख पाऊँ मैं किशोरी राधे
नित नित तेरे गुण गाऊ मैं किशोरी राधे
जानूँ नहीं  विधि तोहे  रिझाऊँ मैं किशोरी राधे

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