मुझको मेरे यार ने बेगाना कर दिया
मुझको मेरे यार ने बेगाना कर दिया
हम इस उलझन में रहे दीवाना कर दिया
मुझको भी तो अपने इश्क़ का एहसास न हुआ
दिल दूर ही रहा सदा तेरे पास ना हुआ
हम सोचते ही रह गए नज़राना कर दिया
मुझको मेरे यार ने.........
तेरे शहर में आने को हम कितना तरस बैठे
दिल ये कितना रोया और अश्क़ बरस बैठे
हमको अपनी गलियों से अनजाना कर दिया
मुझको मेरे यार ने........
दिल में कितना दर्द है होंठों पर है शिकवे
हमको नहीं भा रहे कोई दुनिया के बड़े रुतबे
इस दिल को जलती शम्मा का परवाना कर दिया
मुझको मेरे यार ने बेगाना कर दिया
हम इस उलझन में रहे दीवाना कर दिया
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