कोई धुन सी सुनती हूँ

कोई धुन सी सुनती हूँ
हैं हाथ मेरे
पर लफ्ज़ किसके
नहीं जानती ये कौन लिखवाता है
जाने क्यों सुनती हूँ सब भीतर ही
मेरे भीतर ही कोई जैसे गाता है

है कौन थोड़ी अनजान हूँ मैं
कैसे समझूँ बड़ी नादान हूँ मैं

हैं शब्द किसके कौन आता है
तू ही लगता है मोहन लिखवाता है

गर तू नहीं फिर और कौन है
कौन लिखता है दिल मेरा मौन है

जाने भीतर ये कौन मेरे रहता है
मेरा कुछ नहीं सब वही कहता है

मुझे भी ना खबर क्या लिखती हूँ
जाने किस किस से क्या क्या कहती हूँ

हूँ खिलौना मैं अब तेरे हाथ प्यारे
तू ही रहता है पल पल साथ प्यारे

ये भी खेल निराले दिल वाले
तू गिराए तू ही मुझे सम्भाले

जैसे कर लो साहिब अब तेरी मर्ज़ी
एक सुन लेना तुम मेरी अर्ज़ी

नहीं छिपो इतना कभी आओ सामने
गिर पडूँ न तुम आओ हाथ थामने

मुझे एक बार दीदार बस दो मोहन
बस मैं हूँ तेरी ही तलबगार मोहन

आँख बन्द होने से पहले तुम आओगे
मेरे मोहन संग अपने ले जाओगे
मेरे प्यारे संग अपने ले जाओगे

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