कैसे सुकून पाऊँ

कैसे सुकून पाऊँ मोहन जरा बता
तेरा दीदार पाऊँ पर्दा जरा हटा

जैसे भी चाहो खेलो ये दिल है अब तुम्हारा
तेरा नाम लेकर रोए गया इख्तयार सारा
नहीं समझे मेरी बातें तू ही इसे बता
कैसे सुकून पाऊँ मोहन जरा बता
तेरा दीदार पाऊँ पर्दा जरा हटा

क्या चाहता है ये दिल तुमको पता है मोहन
नहीं काबलियत कोई मेरी खता है मोहन
सब कुछ है बस में तेरे तुमहीं करो जरा
कैसे सुकून पाऊँ मोहन जरा बता
तेरा दीदार पाऊँ पर्दा जरा हटा

वो कोई और ही हैँ जिनको इश्क़ है तुमसे
हमें कुछ खबर नहीं है रहते हैं रोज़ गुम से
तुम्हीं अब बता दो मुझको नहीं मेरा पता
कैसे सुकून पाऊँ मोहन जरा बता
तेरा दीदार पाऊँ पर्दा जरा हटा

Comments

Popular posts from this blog

भोरी सखी भाव रस

घुंघरू 2

यूँ तो सुकून