हरि बोल हरि बोल
हरि बोल हरि बोल हरि हरि बोल
डोर प्रभु को सौंप दे कभी भी नहीं डोल
हरि बोल हरि बोल हरि हरि बोल
मेरे मन में बसता रहे पावन हरि का नाम
मन ही ये मन्दिर बने मन ही बने ब्रजधाम
नैनो में तुम ही तुम रहो सदा मेरे चितचोर
हरि बोल हरि बोल.......
नाम तेरे का धन मिले मैं धनवान हो जाऊँ
तेरी इस प्यारी छवि पर कुर्बान हो जाऊँ
तेरे हाथ में ही रहे मेरे जीवन की ये डोर
हरि बोल हरि बोल.......
हरे कृष्ण हरे कृष्ण का दिन रात जप हो
यही मेरी हो साधना यही मेरा तप हो
यही नाम मुख पर रहे चाहे साँझ हो या भोर
हरि बोल हरि बोल..........
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