बहुत दर्द है भीतर
बहुत दर्द है भीतर
बहाना नहीं जमा रखना
घुलते रहना
पीते रहना है इस दर्द को
इतना बढ़ जाए की वो सामने हों
और पूछें क्या चाहिए
तो बोलूं
दर्द
और दर्द
और दर्द
और दर्द....
सिर्फ दर्द
तेरी याद रहे
तेरी तड़प रहे
तू भी न रहे कोई बात नहीं
मेरा दर्द नहीं छीनो मुझसे
और दो
और दो
अपना हिस्सा भी दे दो
मेरा हिस्सा भी
बस दर्द दो
क्योंकि तुझे पुकारना कभी बन्द न हो
Comments
Post a Comment