जाग जाग कर

जाने क्या ढूंढते हैं रातों को जाग जाग
आप मिलो तो जीने के अंदाज़ बदलें

अभी कुछ और ही हसरतें हैं दिल की
कभी हम भी कोई ऐसा रिवाज़ बदलें

सुन रहा हो जब तुम्हारा संगीत मुझे
फिर हम भी ज़िन्दगी के साज़ बदलें

कह दो तुम तो खामोश ही हो जाएँ
कह दो तुम तो हम अपनी आवाज़ बदलें

यूँ नहीं मुकम्मल हो पायेगी कहानी मेरी
आप कहो तो जीने के रियाज़ बदलें

हो आप ही मालिक मेरी ज़िन्दगी के अब
जैसे तुम चाहो वैसे हम मेरे सरताज़ बदलें

मेरे युगल
जैसे आप चाहो

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