अब आ गए

अब आ गए हो बाँहों में तो लगे हम तुम ज़ुदा तो ना थे
दूर नहीं थे तुम मुझसे और ख़फ़ा तो ना थे

साथ ही थे हरपल मेरे मुझे ही दूरी लगती थी
मिलते नहीं थे तुम मुझसे कोई मज़बूरी लगती थी
शिकवे किये बड़े तुमसे सनम पर तुम रुसवा तो ना थे
अब आ गए......

जन्मों से बिछड़े थे हम जाने क्या बात थी
कटती नहीं लम्बी काली कैसी वो रात थी
ज़ी तो रहे थे यूँ हम मगर ज़िंदा तो ना थे
अब आ गए .......

क्या कहती हैँ धड़कनें मेरी अब तुम जानते हो
सांसें भी तेरा नाम ले तुम पहचानते हो
कितनी दर्द भरी रातें थी वो महकी सुबह तो ना थे
अब आ गए......

होंठों पर खेल रहे हैं नगमे कुछ प्यार के
बीत रहे कुछ हसीँ लम्हे अब दामन में यार के
दिलबर ही तुमको बनाया और तुम भी ख़ुदा तो ना थे
अब आ गए......

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