तेरे इश्क़ के एहसास
तेरे इश्क़ के एहसास में संवरने लगे हैं हम
दिलकश सी लगे धूप भी निखरने लगे हैँ हम
तेरे इश्क़ के ......
रग रग में दौड़ता है लहू बनकर इश्क़ तेरा
रहा ना कुछ इख़्तियार भी बेकाबू हुआ दिल मेरा
मदहोश हो गए हैं बहकने लगे हैं हम
तेरे इश्क़ के.......
आ यार बैठ बात करें दिल की कहें ज़रा
तेरी बिन अधूरी थी ज़िन्दगी नहीं था कोई मज़ा
तेरा साथ कब मिले मुझे तरसने लगे थे हम
तेरे इश्क़ के.......
अब लग रहा हसीन सब मौसम ए बहार है
कितना दर्द समां था वो जब तेरा इंतज़ार था
रात दिन उस दर्द में तड़पने लगे थे हम
तेरे इश्क़ के.......
हर शाम अब हसीँ हुई तेरा जो साथ है
आ यार अब सुन भी ले दिल में जो बात है
अब उठ दर्द की महफ़िल से चलने लगे हैं हम
तेरे इश्क़ के......
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