मोहे बिसराय दियो
मोहे काहे बिसराए दियो श्यामाश्याम
मुख से निकलत नही अब तेरो नाम
काहे न देखे पीर हिय की मेरी
कबसे होई युगल चरण की चेरी
युगल चरण में ही मिले बिसराम
मोहे काहे ........
नित नित तेरो कुञ्ज सजाऊँ
युगल की राह में नैन बिछाऊँ
हिय की पीर हरो मेरे सुखधाम
मोहे काहे........
अंसुन् से तेरो चरण पखारूँ
एक छवि पर तन मन वारूँ
मन कैसो बने अब तेरो ही धाम
मोहे काहे..........
😭😭😭😭😭😭😭😭
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