आज तेरे इश्क़ में
आज तेरे इश्क़ में मिटने को बेकरार हूँ मैं
हसरत ए उल्फ़त है दिल में बेज़ार हूँ मैं
अब मेरे दिल पर ना रहा इख़्तियार कोई
देखो अब इश्क़ में मज़बूर मेरी सरकार हूँ मैं
आज तेरे इश्क़ में......
हूँ नादान अक्सर ही नादानी करती हूँ
तुमने क्या समझ लिया कहाँ होशियार हूँ मैं
आज तेरे इश्क़ में......
दिल दुखाऊँ किसी का ये नहीं तमन्ना थी कभी
हो जाती है गलती क्यों गुनाहगार हूँ मैं
आज तेरे इश्क़ में.......
रख लो बाँहों में अब नहीं छोड़ना मुझको
हाँ तेरे इश्क़ में साहिब अब गिरफ्तार हूँ मैं
आज तेरे इश्क़ में.....
Comments
Post a Comment