मैं रटती रही
मैं रटती रही पिया पिया मेरे
पिया को भेजी पाती
पिया बोला तेरे पास हूँ सजनी
तू काहे को घबराती
देख चहुँ और तेरे ही हूँ मै
नैन किवड़िया मन की खोल
मन से देखा प्रियतम संग है
बाँवरी रही पिया पिया बोल
अब मिले हो तो संग ही रहना
प्रियतम अब मैं हूँ तेरी
हिय में पीर हुई मेरो भारी
होय गयी देरी बहुतेरी
अब पिया तोहे ना जाने दूंगी
बैरन हुई दर्द भरी रतियाँ
आन मिले हो तो सुने सांवरे
मेरे मन की सब बतियाँ
तेरा सुख ही जीवन मेरा
ये ही सांवल चाहूँ मैं
प्रेम से सेवा करूँ रात दिन
ऐसा जीवन पाऊँ मैं
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