भक्ति देवी

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        󞄹े भक्ति देवी !
    मेरे हिय विराजो आन
कर देना मुझे युगल समर्पित
    दीन अधम मोहे जान

  निर्गुण दीन हीन मैं पामर
  हिय में करो तुम्हीं प्रकाश
छू कर अवगुण हर लो मेरे
   पूर्ण कीजो मेरी ये आस
मो सम पतित नहीं कोई दूजा
ना कोई दयामयी तेरे समान

          हे भक्ति देवी
    मेरे हिय विराजो आन
कर देना फिर युगल समर्पित
    दीन अधम मोहे जान

जिस पर तुम करुणा करती
    पाप हर लेती हो सारे
जिस हृदय तुम आन विराजो
    बन जाएँ हरि के प्यारे
तुम तो हो पारस मणी ऐसी
   छूने से बने स्वर्ण समान

         हे भक्ति देवी
  मेरे हिय विराजो आन
कर देना मोहे युगल समर्पित
     दीन अधम मोहे जान

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