भजन बिना
भजन बिना जीवन सूना रे मनवा
सब छोड़ भजन कर प्यारे
मन तेरा बार बार दे धोखे
मन को हटा ले प्यारे
तीर्थ जावे गंगा न्हावै जो
उतरे ना मन की मैल कभी
नाम हरि का पावन कर दे
नाश करे कल्मष ही सभी
नाम कभी ना मुख से बोले
भजन हीन जन्म तेरा फीका
नाम से होती सर्वस्व ही सिद्धि
नाम लेता तू कभी ना दीखा
साधू जन कहें जाग रे प्राणी
भजन ले हरि का नाम प्यारे
भजन ही बने जीवन बस तेरा
कर्म गौण हों चाहे तेरे सारे
तीर्थ कर तू पुण्य कमा ले
नाम बिना नहीं धन कोई तेरा
नाम में ही तीर्थ फल सारे
भटक जाए ना कहीँ मन तेरा
पल पल हरि को भज ले मनवा
भजन से गोविन्द भी बन्ध जावे
भजन का धन तू संचय कर ले
गोविन्द आप तेरे संग हो जावे
Comments
Post a Comment