आंसू नहीं अनमोल

मेरे आंसू इतनी अनमोल नहीं की गंगा बन जाएँ
नहीं इच्छा युगल कभी ये चरण आपके छू पाएं
मुझ अधम की एक परछाईं भी आपसे दूर रहे
श्यामाश्याम रटूं मन जीवन इसमें ही चूर रहे
नहीं कामना दो मुझे दर्शन कभी मेरे सन्मुख आओ
इस पतिता की यही कामना नाम रूप में बस जाओ
नाम नहीं भूलूँ कभी आपका श्यामाश्याम निस दिन गाऊँ
याद आपकी रहे हमेशा नाम ही बस लेती जाऊँ

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