जित देखूं तित श्यामा

जित देखूं तित श्यामा मोरी !
जित देखूं तित राधा मोरी !!
नवल भामिनि नित्य किशोरी !
रास विलासिनी राधा भोरी !!
पवन सूर्य में जल में थल में !
चहुँ और निर्बल में सबल में !!
मन से श्यामा सब में दीखे !
जगत बना सब श्यामा सरीखे !!
स्वास् स्वास् में मन विश्वास में !
पल पल लगी उसी आस में !!
चहुँ और श्यामा ही मोहे लागे !
व्याकुल भये मेरे प्राण अभागे !!

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