जाने क्यों

ए मेरे खुदा
तुम भी अजीब
दूर लगते हो
फिर भी करीब
कोई दर्द है
कोई प्यास है
कभी लगे दूर
कभी लगे पास है
कण कण में भी हो
फिर भी दूर क्यों
मानता है दिल
जानने का फितूर क्यों
आते भी हो
समझाते भी हो
मिलते भी हो
छिप जाते भी हो
रोना भी तुमसे
हसना भी तुमसे
मिलना भी तुमको
रूठना भी तुमसे
आना भी पास तेरे
जिए भी एहसास तेरे
फिर भी प्यास तेरी
जाने क्यों ❓
जाने क्यों ❓
जाने क्यों  प्यास ही तेरी

श्री राधे

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