अश्क़ हैं कीमत
अश्क़ हैँ तेरे मिलने की कीमत मेरे ख़ुदा
मैं इन्हीं अश्क़ो से तुझे पा लूँगी
कैसे देखोगे मोहबत में किसी को तड़पता
तुम रीझ जाओगे मैं रीझा लूँगी
जानती हूँ पत्थरदिल नहीं सनम मेरा
उसको खुद ही मोहबतों की प्यास है
मिलेगा मुझको भी मसीहा मेरा कभी
ख्याल ही नहीं इस दिल को आस है
चलो मान लो की इश्क़ मेरा झूठ सही
पर एहसास उसके इश्क़ का भी तो है
उसका इश्क़ पाक है गीता कुरान सा
मुझे उसके इश्क़ की पहचान भी तो है
तू कहता है यार मेरा मुझमें ही रहता है
नहीं दिखा मुझे तो कसूर मेरी नज़र का
उसको तो रहना होगा जहां वो चाहे
वही तो मालिक है मेरे दिल के घर का
देख लेना तुम उसको है इश्क़ मुझसे
वो मुझे कभी तन्हा नहीं छोड़ेगा
अपने पर भरोसा चाहे मैं ना करूँ
देख लेना वो मेरा यकीन नहीं तोड़ेगा
नहीं जानती की तड़प ज्यादा है या यक़ीन ज्यादा
तू बस मेरा है और है तुझे पाने का ही इरादा
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