झूला झूलें लाल लाडली
झूला झूलें लाल लाडली लागे छवि अति प्यारी
लालन संग श्यामा भोरी नित्य नवल सुकुमाऱी
शीतल शीतल पवन चलत है शोभा है अति प्यारी
लाडली झूल रही आनंद में जब झुलावे गिरिधारी
झूला झूलें..........
सावन की ऋतु झूले पड़े मनमोहक सुगन्ध
लाल लाडली मुदित विराजे होय रह्यौ रस भारी
झूला झूलें ........
मञ्जरी किंकरी युगल सेवा में आनंद मनायो
देख देख इस मधुर जोरी पर जाएँ सभी बलिहारी
झूला झूलें.........
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