लाडली तेरे चरणों में
मेरी लाडली तेरे चरणों में ही
अब मेरा जीवन निकल जाए
इक पल भी नहीं भूलूँ नाम तेरा
अब मेरा जीवन संवर जाए
मैं पंछी उन्मुक्त गगन का
पल पल उड़ता ही जाऊँ
और ठौर नहीं मेरी लाडली
तेरे दर पर ही रुक जाऊँ
कोई देव मनाऊँ क्यों जब मैं
तेरे दर का मुझे सहारा है
तेरा नाम ही इतना पावन है
मेरे जीवन का आधारा है
कोई देव मनाऊँ क्यों जब मैं
तेरे दर का मुझे सहारा है
तेरा नाम ही इतना पावन है
मेरे जीवन का आधारा है
Comments
Post a Comment