गौ माता

देखो जगह जगह हुआ क्या गौ माता का हाल
गौ भी तड़प उठी और तड़प उठे गोपाल

माँ सम पोषण किया हमारा देकर अपना दूध
और कलयुगी संताने नहीं लें माता की सुधि
पल पल मच रही अशांति पल पल उठे बवाल
गौ भी तड़प उठी और तड़प उठे गोपाल
देखो जगह जगह .......

मनमोहन कान्हा भी गोपाल रूप बनाए थे
माँ सम नेह किया माता से जब लीला दिखलाए थे
आज भी गौ सेवा से होता हर प्राणी ही निहाल
गौ भी तड़प उठी और तड़प उठे गोपाल
देखो जगह जगह .......

प्रकृति ही अपनी सम्पदा दोनों हाथ लुटाए
रक्षक ही अब बना है भक्षक गौ मांस जब खाए
रो रही मानवता देख ये बिखरा खून देख लाल
गौ भी तड़प उठी और तड़प उठे गोपाल
देखो जगह जगह.........

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