तुम बिन कौन लाडली

तुम बिन कौन लाडली मेरो !
लाडली मोसों आँख न फेरो !!

अपनी शरण में लाडली रखयो !
तुम बिन जीवन घोर अंधेरो !!

काटो भव के बन्धन मेरी श्यामा !
मोह माया ममता ने मोहे घेरो !!

रख लीन्हों मोहे शरण अपनी !
मोसों दया दृष्टि नहीं फेरो !!

द्वार तज कित जाऊँ लाडली !
और जगत में कोय ना मेरो !!

किस विधि श्यामा तोहे पुकारूँ !
आन मिलो समय गयो बहुतेरों !!

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