बेदर्दी संग नेह
बेदर्दी संग नेह ना करियो
पीड़ मिलेगी हाय तुमको
देखो आकाश भी रो रहा
बारिश नहीं समझो इसको
ये किन्हीं के अश्रु हैं ना
जिनको प्रियतम छोड़ गए
बहेगी फिर से गंगा यमुना
क्यों तुम छोड़ गए सबको
बेदर्दी संग नेह ना करियो
पीड़ मिलेगी हाय तुमको
कितने दिल हाय टूट गए
कितनों की तूने सुधि हर ली
बोलो मोहन क्या करते हो
हमनें अपनी आँखें भर लीं
जो पहले मैं जानती ऐसे
तुमसे नेह लगाती क्यों
जानती जो तुम छोड़ जाओगे
हाय मैं प्रेम बढ़ाती ना
बेदर्दी संग नेह ना करियो
पीड़ मिलेगी हाय तुमको
हाय ये पीड़ सही ना जाए
जाने मोहन किस घड़ी आए
कैसे इस दिल को समझाऊँ
बिन मोहन कहीँ चैन न पाऊँ
ये बदरी भी मुझ संग रोए
हाय प्रेम न करना कोय
क्यों चलती हैं श्वासें मेरी
पिय बिन जीवन धरियो न
बेदर्दी संग नेह ना करियो
पीड़ मिलेगी हाय तुमको
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