तेरे बिन जीना

तेरे बिना जीना मौत से कम नहीं
आ जाओ या इन सांसों को रुखसत करदो

कौन कहता है इश्क़ ज़िन्दगी की वजह होगा
महबूब तेरे बिना जीना पल पल सज़ा होगा

यूँ कतरा कतरा मौत नहीं दिया करो साहिब
तुझसे दूरी एक बड़े जख्म से कम नहीं है

तुम तो एक बार भी ख्वाबों में ना मिले
वादा करो आना का हमेशा के लिए सो जाऊँ

ये जो मज़ा तड़पने में सिसकने में
तू क्या जाने इसे बना ही रहने दे

उनसे पूछो हाल ए दिल जो दीदार को तरसते हैँ
दर्द उठता है दिल में और अश्क़ बरसते हैँ

एक ही मुलाकात कर लेते महबूब मेरे
जिन्दा रहने को कोई याद तो छोड़ जाओ

हाय दे वो आँख मुझे जो तेरा हर और दीदार करे
तुझसे दूरी का एहसास जलाता है अब मुझे

जाने क्यों कसक सी दिल में उठती है
सोचती हूँ इस बीमार दिल की दवा करूँ या नहीं

या तो मुझे आदत हो जाए दर्द सहने की
या आदत हटा दो अपनी मुझसे दूर रहने की

देख कोई तो हल निकाल दर्द का मेरे
तुमने तो बेसबब मोहबत की है मुझसे

अच्छा अब समझी हूँ इस राज़ को
ये तड़प ही दवा होगी मोहबत की
जो तुम दे रहे हो रोज़ रोज़ मुझे
ये भी कोई अदा होगी मोहबत की

चलो तुम्हारी अदाओं से वाकिफ हो चली हूँ
अब समझती हूँ तड़प देना भी अदा तेरी
तुम लग जाओ मुझे दुआ बनकर कोई
और बन जाए जख्मों की दवा मेरी

देखो साहिब यूँ ही रहना साथ मेरे
कभी दर्द और कभी दवा बनकर
मिल जाओ प्यारे एक बार मुझे
लबों से निकली हुई दुआ बनकर

जब तक सांसें ना रुकें तड़प देना
देखो इश्क़ किया है बात मान लो दिलबर

अब और क्या सुनाएँ अफ़साने मोहबत के
हम हो चुके हैँ घायल और दीवाने मोहबत के

एक नाकाम सी कोशिश की भूलने की तुझे
और तुम हँसते हुए और इश्क़ करते रहे

अब क्या दूँ तुमको महबूब मेरे
सब तेरा हो गया तुझे याद करते करते

आओ अब मुझे मदहोश करदो
क्यों होश बाक़ी रखते हो तुम

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