हे करुणानिधान कृपा करो
हे करुणानिधान कृपा करो अपनी भक्ति देना
बुद्धिहीन हूँ मैं प्रभुवर मुझे अपनी शरण में लेना
संसार की सब वस्तु में मैं स्पर्श तेरा पाऊँ
हूँ बलहीन नाथ मेरे कैसे मैं पिंड छुड़ाऊं
बन जाऊँ अबोध बालक माँ बन कर तृप्ति देना
हे करुणानिधान कृपा करो.......
मेरा सर्वस्व हो आप ही तेरी लग्न लगाऊँ
हर और तुमको देखूँ हर और तुमको पाऊँ
हो जाएँ मेरी आँखें ऐसी हे नाथ दृष्टि देना
हे करुणानिधान कृपा करो......
हूँ बोधहीन भगवन तुम मेरी रक्षा करना
तेरी शरण हूँ भगवन कृपा का हाथ धरना
हूँ वस्तु आप ही की मुझे ऐसी तृप्ति देना
हे करुणानिधान कृपा करो ......
मुझे आश्रय है तेरा नाथ अपने संग ले जाओ
तेरी ख़ुशी हो मेरा जीवन भव मोह को छुड़ाओ
तम घोर से निकालो मुझे ऐसी ज्योति देना
हे करुणानिधान कृपा करो मुझे अपनी भक्ति देना
बुद्धिहीन हूँ मैं प्रभुवर मुझे अपनी शरण में लेना
Comments
Post a Comment