शौक जिंदगी का
बहुत शौक रखा ज़िन्दगी का हमने
चलो आज मौत का पता पूछ लेते हैं
तुझसे दूर होना ही इस दिल का गम है
चलो आज गम की दवा पूछ लेते हैं
अपना पता तो जानते हैं मुद्दत से ही
चलो आज तेरा पता पूछ लेते हैं
हूँ गुस्ताख मैं अक्सर गलती करती हूँ
चलो आज तुमसे सज़ा पूछ लेते हैं
मिलकर भी छिपा अदा है तुम्हारी ही
चलो आज और भी अदा पूछ लेते हैं
तेरी मोहबत से रोशन है ज़िन्दगी मेरी
तेरे इश्क़ का चिराग जला पूछ लेते हैं
तरस रही हैं कबसे आँखें दीदार को तेरे
जाने कब हटेगा ये पर्दा पूछ लेते हैं
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