आन बसो

आन बसो मोरे नैनन में ब्रज के दोऊ चन्द्र !
नवल किशोरी वृषभानु दुलारी नवल किशोर नन्दनन्दन !!
मधुर मधुर वाणी प्रियाप्रियतम कबहुँ मोरे कर्ण में आवे !
कबहुँ दासी तिहारी श्यामाजु नित्य तेरी सेवा सुख पावे !!
कबहुँ बनूँ तेरे महल बुहारिन कबहुँ प्रिया चरण लग जाऊँ !
लाडली अबहुँ कीजो ना देरी कौन विधि मैं तोहे रिझाऊँ !!
श्यामा लाडली अबहुँ सुधि लीजो स्वामिनी कौन और हमारो !
तेरी चरण पड़ी रख लीजो और नहीं कोय ठौर हमारो !!
नित नित विनय करूँ कर जोरि अंसुअन संग तेरो चरण पखारूँ !
अबहुँ आवें मेरो लाल लाडली कबसों बैठी बाट निहारूँ !!
रख लीजो मोहे शरण लाडली तुम सों कौन यहां कृपालु !
मोहे भरोसो तेरो प्यारी जू मेरी किशोरी परम् कृपालु !!

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