तेरे इश्क़ में सिमटी

आज तेरे इश्क़ में सिमटी है कायनात मेरी
है शुरू और मुक्कमल तुमसे हर बात मेरी

मचल रहे हैँ ये जज्बात देख सूरत तेरी
मुझको हर मोड़ पर है सांवरे जरूरत तेरी
तुम बने हो दिन मेरे तुम बन गए हो रात मेरी
आज तेरे इश्क़ में सिमटी है कायनात मेरी
है शुरू और मुक्कमल तुमसे हर बात मेरी

इन बेताब सी हसरतों को सम्भालूँ कैसे
बेकाबू से हो रहे कहो इनको दबा लूँ कैसे
तेरा ही इश्क़ है ऐसा है क्या औक़ात मेरी
आज तेरे इश्क़ में सिमटी है कायनात मेरी
है शुरू और मुक्कमल तुमसे हर बात मेरी

देखो इलज़ाम नहीं देना की मदहोश हुए हम
लो अब और नहीं कहते सुनो खामोश हुए हम
इसी ख़ामोशी में बीत जाए ना हर मुलाकात मेरी
आज तेरे इश्क़ में सिमटी है कायनात मेरी
है शुरू और मुक्कमल तुमसे हर बात मेरी

इश्क़ तुम करते हो साहिब और इलज़ाम मेरे
नहीं इख्तयार अब कोई ये दिल अब नाम तेरे
तुझ ही से रोशन दिन मेरे तुझ ही से रात मेरी
आज तेरे इश्क़ में सिमटी है कायनात मेरी
है शुरू और मुक्कमल तुमसे हर बात मेरी

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