प्रेम करो न कोय

सुनो रे !
प्रेम करो ना कोय
प्रेम किये पीर मिले
प्रेम ही पीड़ा होय
सुनो रे !
प्रेम करो ना कोय

पिया ना आवें ना ही बुलावे
बिरहन निशदिन ही अकुलावे
किस विधि मिलना होय
सुनो रे !
प्रेम करो ना कोय

प्रेम पथिक को राह सांकरी
प्रेम बना दे तोहे बाँवरी
जगत हँसे तू रोये
सुनो रे !
प्रेम करो ना कोय

पिया नाम दिन रैन जपूँ मैं
पीर हिय की कासों कहूँ मैं
दुःख लागे भारी मोय
सुनो रे !
प्रेम करो ना कोय

एह पथ का पथिक बाँकुरा
प्रेम पथ होय अति सांकरा
या में समाए ना दोय
सुनो रे !
प्रेम करो ना कोय
प्रेम किये पीर मिले
प्रेम ही पीड़ा होय

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