तुमसे ही जिंदगी है

तुमसे ही ज़िन्दगी है तुमसे ही हैँ नज़ारे
तुम बन गए हो अब मेरी ही साँस प्यारे

कहाँ ढूंढूं अब मैं तुझको अब और किधर जाऊँ
रहना है अब हमेशा आगोश में तुम्हारे
तुमसे ही ज़िन्दगी है......

पता तेरा ढूँढा मैंने हर एक ही गली में
तू मिला दिल में उनके जो हर पल तुझे पुकारे
तुमसे ही ज़िन्दगी है.......

ये सच है मोहन प्यारे रहते हो उनके दिल में
जिनको दिखाई ना दे कुछ मोहन सिवा तुम्हारे
तुमसे ही ज़िन्दगी है......

ये भी अदा है इश्क़ की खुद से बेखुद करदे
दीदार तेरा हर जगह फिर देखूं जो नज़ारे
तुमसे ही ज़िन्दगी है......

मेरे गीत ग़ज़ल देखो तेरा नाम ही गाते हैं
नहीं कोई लफ्ज़ ऐसे जो तुमको ना पुकारे
तुमसे ही ज़िन्दगी है .......

है सच इश्क़ तेरा ज़िन्दगी बदल कर रखदे
जिसको तुमने चाहा वो हो गए तुम्हारे
तुमसे ही ज़िन्दगी है......

तेरे इश्क़ के मयकदे में भर भर के जाम पी लूँ
फिर मदहोश होकर ये दिल साँवल तुम्हें पुकारे
तुमसे ही ज़िन्दगी है........

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