बंदिशें लाख सही
बंदिशें लाख सही इश्क़ नहीं रुकता है
अब ये सर तेरे ही कदमों में झुकता है
लाख कोशिश करे ज़माना रोके मुझे
अब तो सांवरे तेरी रहना है होके मुझे
कहाँ ये इश्क़ कोई रोक सके
तू जो चाहे तेरी रज़ा प्यारे
गम दे चाहे ख़ुशी क़ुबूल मुझे
ये सब भी तेरी अदा प्यारे
है तेरा इश्क़ ही इबादत मेरी
तुझको चाहना सांवरे ही इनायत तेरी
कोई अब कैसे रोक पाए मुझे
इस कद्र बढ़ चुकी है मोहबत तेरी
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