जिसका प्रियतम दूर बसे
जिसका प्रियतम दूर बसे सखी
निंदिया कहाँ सुहावे
पल पल तेरी राह निहारूँ मैं
कौन घड़ी पिया आवे
पूछूँ मैं इस पुरवाई से भी
कोई संदेसा आया
नहीं लाई तुम महक पिया की
ये मुझको नहीं भाया
जाओ कोई सन्देश ले आओ
बाँवरी भई अकुलावे
जिसका प्रियतम दूर बसे सखी
निंदिया कहाँ सुहावे
पल पल तेरी ........
पूछूँ चन्दा तोहे क्या मिले आज
देखे प्रियतम मेरे
कोई संदेसा लाये हो तुम क्या
दूर देस पिया मेरे
जाओ छिपो तुम उस बादल में
पिया की याद मोहे आवे
जिसका प्रियतम दूर बसे सखी
निंदिया कहाँ सुहावे
पल पल तेरी ......
तू भी पपीहे कह दिल की बाती
पिया पिया काहे बोले
पीर है भारी देखो तुम भी
बिरहन कैसे डोले
पीहू पीहू नहीं रटना पपीहे जब
पिया नहीं घर आवे
जिसका प्रियतम दूर बसे सखी
निंदिया कहाँ सुहावे
पल पल तेरी .......
तेरा नाच नहीं मोहे भावे मयूरा
बिरहन को क्यों जलावे
दूर देस रहे पिया मेरो हाय
तू क्यों नाच दिखावे
पंख पसारे तू जिया जले मेरो
पिया की याद मोहे आवे
जिसका प्रियतम दूर बसे सखी
निंदिया कहाँ सुहावे
पल पल तेरी.......
लोग कहें मोहे तू भई बाँवरी
कोई नाम पुकारो
पिया मिले बस यही कामना
मोहे नहीं पिया बिसारो
पिया पिया रटत मैं नैन बहाऊं
जिया मेरो जल जावे
जिसका प्रियतम दूर बसे सखी
निंदिया कहाँ सुहावे
पल पल तेरी राह निहारूँ
कौन घड़ी पिया आवे
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