आप आए मेरे घर

आप आए मेरे घर हुज़ूर इनायत है आपकी
लबों पर तुम्हारा नाम ही मोहबत है आपकी

आप जो आ गए हो तो शाम हो गयी हसीं
दिलकश सी हो गयी है ये आसमान ओ जमीं
सब दिलकश सा हो गया है सोहबत है आपकी
आप आए मेरे घर......

बरस रहा है इश्क़ तेरा थोडा सा इसको जी लूँ
मदहोश हो रही हूँ अब कुछ जाम पी लूँ
ये इश्क़ है पिला रहा मोहबत है आपकी
आप आए मेरे घर......

आए हो जब रह जाइए नहीं लौटना अभी
मुद्दत से इंतज़ार था वो पल आए हैं अभी
मुझपर यूँ निगाह ए करम ही फितरत है आपकी
आप आए मेरे घर.....

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