कबहुँ मिले
कबहुँ मिलो मोरे श्याम पीर हिय की बड़ो सताए
पलक ना लगे पल भी मोरी नैना झर झर जाएँ
पिया बिन जीवन सुना सखी री कैसो जीवन बिताऊँ
हिय में पीर उठे मेरो भारी हाय पिया अकुलाऊँ
कोई दीजो मेरे पिया को पाती व्यथा दीजौ मेरी सुनाए
कबहुँ मिलो मोरे श्याम पीर हिय की बड़ो सताए
पलक ना लगे पल भी मोरी नैना झर झर जाएँ
दूर देस गए पिया मेरो ना दीन्हीं कोई खबरिया
सूना पड़ा हाय जीवन मेरा रोऊँ देख देख बाँसुरिया
कौन घड़ी पिया लौटे सखी री कौन घड़ी बजाए
कबहुँ मिलो मोरे श्याम पीर हिय की बड़ो सताए
पलक ना लगे पल भी मोरी नैना झर झर जाएं
पीर बड़ी सखी हिय में मेरो हाय कीन्हों मोहे पराई
छोड़ गयो हाय नन्द कुंवर मोहे काहे सुधि बिसराई
कौन घड़ी पिया रूठे मेरो कौन विधि मान जाएँ
कबहुँ मिलो मोरे श्याम पीर हिय बड़ो सताए
पलक ना लगे पल भी मोरी नैना झर झर जाएं
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