आज सखी
आज सखी मोहे पिया सजायो री
कीन्हों सिंगार मेरो दर्पण दिखायो री
आज सखी.......
कंगन धराए मोहे पायलिया पहनाई
आज सखी पिया नथनी सजाई
मांग में भरी मेरो सिन्दूर लगायो री
आज सखी मोहे पिया सजायो री
लाय दीन्हों लहंगा तीन रंग वारा
अखियन में मेरो पिया काजर डारा
कैसो कहूँ सखी नैना मिलायो री
आज सखी मोहे पिया सजायो री
चूड़ी पहनाई मोहे महंदी लगाई री
प्रेम रंग वारी चूनर ओढ़ायो री
करत सिंगार पिया दुल्हन बनायो री
आज सखी मोहे पिया सजायो री
पिया पिया रटत ही बाँवरी भई सखी
देख सुरतिया पिया की आँख न लखी
प्रेम रंग बरसयो सुधि बिसरायो री
आज सखी मोहे पिया सजायो री
कीन्हों सिंगार मेरो दर्पण दिखायो री
प्रेम से सखी मोहे अंग लगायो री
आज सखी ........
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