इश्क़ की राह

इश्क़ की राह पर जब भी कोई आया है
अपना पता भूला जब तेरा पता पाया है

जितनी धूल उतरी है दिल के आईने से
उतना ही तेरा अक्स साफ़ नज़र आया है
इश्क़ की राह पर......

महबूब के गम लिए सब उसको ख़ुशी दी
अश्क़ ये आँख बहाए और वो मुस्कुराया है
इश्क़ की राह पर......

खुद से बेखुदी हुई तो राह तेरी मिली है
जितना भीतर हुआ ख़ाली उतना उतर आया है
इश्क़ की राह पर........

लोग कहते होंगे तुमको खुदा ये उनकी बात है
तुमने तो इश्क़ किया तुझे दिलदार बनाया है
इश्क़ की राह पर......

राह भी मोहबत की अजीब ही देखी मैंने
उसको ये निगाह ढूंढें जो दिल में समाया है
इश्क़ की राह पर....

तुझको सलाम साहिब सलाम तेरे इश्क़ को
अपना किया हर वादा आपने निभाया है
इश्क़ की राह पर .......

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