दिल की कलम से
किसी ने दिल की कलम से पैगाम लिखवाया है
मेरे लबों पर कभी उसका नाम नहीं आया है
कोई भी शाख है हिलती तो दिल धड़कता है
तुझे पुकारता है पल पल ही ये तड़पता है
हरेक शै में नज़र आता तेरा ही साया है
किसी ने दिल की कलम से पैगाम लिखवाया है
मेरे लबों पर कभी उसका नाम नहीं आया है
वो काले से बादल भी पैगाम लाए हैं
तेरी मोहबतों के भर भर के जाम लाए हैं
है रंग तेरी ही उल्फ़त का इसने बरसाया है
किसी ने दिल की कलम से पैगाम लिखवाया है
मेरे लबों पर कभी उसका नाम नहीं आया है
वो पंछियों की उड़ानें देती हैं तेरी सदाएँ
नीले गगन में उड़ उड़ तेरी याद में गाएँ
तेरे ही इश्क़ का नगमा मुझे सुनाया है
किसी ने दिल की कलम से पैगाम लिखवाया है
मेरे लबों पर कभी उसका नाम नहीं आया है
हरेक शै तेरे इश्क़ में गयी है रंगी
दिखा रही तेरी उल्फ़त ख्वाब सतरंगी
छिपे हो तुम फिर भी मैंने पता पाया है
किसी ने दिल की कलम से पैगाम लिखवाया है
मेरे लबों पर कभी उसका नाम नहीं आया है
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