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Showing posts from June, 2016

ज़िक्र भी तेरा

ज़िक्र भी तेरा ज़ुस्तज़ु भी हुई तेरी मेरे महबूब आरज़ू भी हुई तेरी ज़िक्र भी तेरा...... बड़ी मुद्दत से नाम तेरा जुबां पर आया है मेरे महबूब इस क़दर तू मुझमे समाया है झलक मिल रही अब हरसू मुझ...

जब भी दिल

जब भी दिल तन्हाई में घबराया है हमसफ़र तुमको ही संग पाया है जब भी दिल...... दर्द कोई आया तो लब पर तेरा नाम आया पल पल लगता की अब तेरा पैगाम आया रंग जीवन को तूने नया दिखाया है जब भी दिल....... ए...

मेरो मन लागे सखी

मेरो मन लागे सखी श्यामा चरण में रह जाऊँ यहीं लाडली शरण में मेरो मन लागे सखी..... सेवा करूँ लाडली की राधा राधा गाऊँ मैं निरख निरख श्यामा तोहे सुख पाऊँ मैं मेरो मन लागे सखी...... ऊँची अ...

प्रियतम

तुम ही मेरे शब्द प्रियतम तुमसे ही करूँ सम्वाद प्रियतम तुमको ही तुमसे कहना है तुम्ही हो मुझको याद प्रियतम क्या शब्द क्या सम्वाद मेरे तुम ही मुझमें रमे प्रियतम मेरे राधार...

कोई बेहद इश्क़ करता है

कोई है जो बेहद इश्क़ करता है आईने में भी वही अक्स दिखता है मुझे गिर गिर सम्भलने की आदत हो गयी हाथ तो दिया तुमने पर थाम न सकी शायद यही कबूल होगा मुक्क़दर को मेरे तेरा इंतज़ार ही मे...

कबसे कहे पिया

कब से कहे पिया आवन की सखी अबहुँ नहीं पिया आये री निंदिया ना आवे पलक ना लागे हिय मेरो चैन ना पाये री पीहू पीहू बोल पपीहा सखी री रैन दिवस क्यों गाये री लाज ना आवे तोहे दूर पिया मे...

हज़ारों महफिलें देखीं

हज़ारों महफिलें देखीं उनकी महफ़िल में जाना है वही हैँ अब ग़ज़ल मेरी वही मेरा तराना है जाने क्यों खुद से रुस्वा हैँ वजह भी कुछ नहीं ऐसी बहुत आज़माया दुनिया को अब खुद को आज़माना है ह...

चंचल मन मोरा

चंचल मन मोरा काहे हरि सों प्रीत न करे दिवस रात बीते विषयन में हरिनाम नहीं उच्चरे हर पल दौड़ लगी माया की क्या खोया मैंने क्या पाया मुख सों हरि को नाम लिया ना सगरा मानुष जन्म गव...

रो रही तेरी गौ

रो रही तेरी गौ माता रो रही जननी तेरी प्रेम भरी स्नेह भरी थी जो रही मांस की ढेरी रक्त बह गया चार चुफेरे देख उस खून की लाली है जो भी काम किये हैं तूने मानवता को गाली है धन दौलत ही ...

रो रही तेरी गौ

रो रही तेरी गौ माता रो रही जननी तेरी प्रेम भरी स्नेह भरी थी जो रही मांस की ढेरी रक्त बह गया चार चुफेरे देख उस खून की लाली है जो भी काम किये हैं तूने मानवता को गाली है धन दौलत ही ...

राधा नाम में बसे

राधे नाम में बसे है राधा श्याम नाम में बसे हैं श्याम श्यामाश्याम भज रे मन मेरे नाम रूप में बसे श्यामाश्याम भेद नहीं कोय नाम और नामी में कह गए कोटि संत ये निष्काम जिव्हा पर र...

राधा राधा नाम से

राधा राधा नाम से मेरो आँचल भर दीजो ! राधा नाम महाधन इस धन को सञ्चित कर लीजो !! कभी रुके ना जिव्हा मेरी राधा राधा गाने से ! जीवन मेरो सफल भए राधमयी हो जाने से !! अपने नाम की भिक्षा दीज...

श्री जी का सिंगार

श्यामा मोरी का सिंगार ऐसो सोहे नासिका पे नथनी नील परिधान होवे सुकोमल कमर में नीवी बन्धन है अंगों पर कपूर कस्तूरी लेप चन्दन है पैरों में अलता की रंगत सोहे है मस्तक पर सुंदर ...

मोहे बिसराय दियो

मोहे काहे बिसराए दियो श्यामाश्याम मुख से निकलत नही अब तेरो नाम काहे न देखे पीर हिय की मेरी कबसे होई युगल चरण की चेरी युगल चरण में ही मिले बिसराम मोहे काहे ........ नित नित तेरो कुञ...

क्या ऐब देखूं

क्या ऐब देखूं खुद में और दुनिया में मुझको अपनी चाकरी से फुर्सत नहीं देना जिस इबादत के बदले में मांग लूँ तुझको मौला मेरे मुझे ऐसी इबादत नहीं देना मोहबत हो सिर्फ तुझसे और नफर...

श्याम सिंगार कियो

श्याम कियो सिंगार सजनी को तबहुँ दर्पण दियो दिखाये ! महाभाव प्रेम सों हाथ कम्प गयो तबहुँ दर्पण दियो हिलाये ! सजनी को मुख दिख्यो नाही ऐसो होय प्रेम विकार ! मुख अपनों देखन को ला...

कलयुग विषय दुःख

कलयुग विषय दुःख अति भारी कैसो होय मनुष् उद्धारी ! मिल जावे पल को सत्संग ही विपदा कट ही जावे भारी ! सन्तन को संग पल छिन को ही मन में भगवत् प्रेम उपजावे ! हरि नाम के प्रभाव सों ही प...

नित् नित् लाड

नित नित लाड लड़ाऊँ श्यामा बलिहारी मैं बलिहारी सेवा का सुख पाऊँ श्यामा बलिहारी मैं बलिहारी लाडली छवि तेरी को इन नैनों में बसाऊँ इक आवाज़ दे मोहे किशोरी बरसाने मैं आऊँ तेरी श...

तुम मम जीवन प्राण

तुम मम जीवनप्राण राधिके तुम मम जीवनप्राण तुम बिन जीवन कैसा श्यामा जल बिन मीन समान तुम मम जीवनप्राण..... कोय नाहीं जगत में मेरो तुम जीवन आधार भँवर में डूब रही है नैय्या श्यामा ...

दर की फ़क़ीरी

ए मौला अपने दर की फ़क़ीरी दे दो तेरी चौखट पर रोज़ सज़दा करूँ तेरी रज़ा में ही राज़ी रहूँ हमेशा और अपने फ़र्ज़  अदा करूँ नीयत हो पाक मेरी ऐसी बरकत देना तेरे बन्दों से भी तुझसी वफ़ा करूँ ...

तुम बिन कौन लाडली

तुम बिन कौन लाडली मेरो ! लाडली मोसों आँख न फेरो !! अपनी शरण में लाडली रखयो ! तुम बिन जीवन घोर अंधेरो !! काटो भव के बन्धन मेरी श्यामा ! मोह माया ममता ने मोहे घेरो !! रख लीन्हों मोहे शरण ...

तुम मम जीवन प्राण

तुम मम जीवनप्राण राधिके तुम मम जीवनप्राण तुम बिन जीवन कैसा श्यामा जल बिन मीन समान तुम मम जीवनप्राण..... कोय नाहीं जगत में मेरो तुम जीवन आधार भँवर में डूब रही है नैय्या श्यामा ...

माँ सा प्रेम

माँ सा प्रेम किया है जिसने नहीं पाया पहचान तू अपने हाथों कत्ल किया है दरिंदा ही है इंसान तू चन्द नोटों की खातिर तूने क्या क्या खेल बनाए हैं जगह जगह खुले हैं बूचड़खाने और मन्...

रो रही गौ माता

रो रही तेरी गौ माता रो रही जननी तेरी प्रेम भरी स्नेह भरी थी जो रही मांस की ढेरी रक्त बह गया चार चुफेरे देख उस खून की लाली है जो भी काम किये हैं तूने मानवता को गाली है धन दौलत ही ...

मैंने तो झूठ ही

मैंने तो झूठ ही कह दिया आपको और आप ऐतबार कर बैठे हो झूठ मक्कारी ही फितरत मेरी यकीन आप सरकार कर बैठे हो देने को बेहिसाब दिया है अपने और यहां गिनने की फितरत मेरी जो बेहिसाब नवा...

तेरे शहर को सजदा

तेरे शहर को भी सज़दा है मेरा सज़दा है सभी बाशिंदों को भी मैंने क्यों चाहत रख ली कोहिनूर की जब मेरी कोई भी हस्ती ही नहीं हाँ निकलते हैं हीरे कई खादानों से मगर कोयले की बहुतात रह...

भजन बिना

भजन बिना जीवन सूना रे मनवा सब छोड़ भजन कर प्यारे मन तेरा बार बार दे धोखे मन को हटा ले प्यारे तीर्थ जावे गंगा न्हावै जो उतरे ना मन की मैल कभी नाम हरि का पावन कर दे नाश करे कल्मष ही...

जित देखूं तित श्यामा

जित देखूं तित श्यामा मोरी ! जित देखूं तित राधा मोरी !! नवल भामिनि नित्य किशोरी ! रास विलासिनी राधा भोरी !! पवन सूर्य में जल में थल में ! चहुँ और निर्बल में सबल में !! मन से श्यामा सब मे...

जाने क्यों

ए मेरे खुदा तुम भी अजीब दूर लगते हो फिर भी करीब कोई दर्द है कोई प्यास है कभी लगे दूर कभी लगे पास है कण कण में भी हो फिर भी दूर क्यों मानता है दिल जानने का फितूर क्यों आते भी हो स...

क्यों दूर किया

क्यों दूर किया मोहे चरणों से लाडली मैं दासी तेरी अब मोहे शरण में राखो स्वामिनी देर भई बहुतेरी जन्मों से मैं दूर हूँ तुमसे प्यारी अब नहीं ठुकराओ तेरी सेवा करूँ मैं निसदिन ल...