ज़िक्र भी तेरा ज़ुस्तज़ु भी हुई तेरी मेरे महबूब आरज़ू भी हुई तेरी ज़िक्र भी तेरा...... बड़ी मुद्दत से नाम तेरा जुबां पर आया है मेरे महबूब इस क़दर तू मुझमे समाया है झलक मिल रही अब हरसू मुझ...
जब भी दिल तन्हाई में घबराया है हमसफ़र तुमको ही संग पाया है जब भी दिल...... दर्द कोई आया तो लब पर तेरा नाम आया पल पल लगता की अब तेरा पैगाम आया रंग जीवन को तूने नया दिखाया है जब भी दिल....... ए...
मेरो मन लागे सखी श्यामा चरण में रह जाऊँ यहीं लाडली शरण में मेरो मन लागे सखी..... सेवा करूँ लाडली की राधा राधा गाऊँ मैं निरख निरख श्यामा तोहे सुख पाऊँ मैं मेरो मन लागे सखी...... ऊँची अ...
तुम ही मेरे शब्द प्रियतम तुमसे ही करूँ सम्वाद प्रियतम तुमको ही तुमसे कहना है तुम्ही हो मुझको याद प्रियतम क्या शब्द क्या सम्वाद मेरे तुम ही मुझमें रमे प्रियतम मेरे राधार...
कोई है जो बेहद इश्क़ करता है आईने में भी वही अक्स दिखता है मुझे गिर गिर सम्भलने की आदत हो गयी हाथ तो दिया तुमने पर थाम न सकी शायद यही कबूल होगा मुक्क़दर को मेरे तेरा इंतज़ार ही मे...
कब से कहे पिया आवन की सखी अबहुँ नहीं पिया आये री निंदिया ना आवे पलक ना लागे हिय मेरो चैन ना पाये री पीहू पीहू बोल पपीहा सखी री रैन दिवस क्यों गाये री लाज ना आवे तोहे दूर पिया मे...
हज़ारों महफिलें देखीं उनकी महफ़िल में जाना है वही हैँ अब ग़ज़ल मेरी वही मेरा तराना है जाने क्यों खुद से रुस्वा हैँ वजह भी कुछ नहीं ऐसी बहुत आज़माया दुनिया को अब खुद को आज़माना है ह...
चंचल मन मोरा काहे हरि सों प्रीत न करे दिवस रात बीते विषयन में हरिनाम नहीं उच्चरे हर पल दौड़ लगी माया की क्या खोया मैंने क्या पाया मुख सों हरि को नाम लिया ना सगरा मानुष जन्म गव...
रो रही तेरी गौ माता रो रही जननी तेरी प्रेम भरी स्नेह भरी थी जो रही मांस की ढेरी रक्त बह गया चार चुफेरे देख उस खून की लाली है जो भी काम किये हैं तूने मानवता को गाली है धन दौलत ही ...
रो रही तेरी गौ माता रो रही जननी तेरी प्रेम भरी स्नेह भरी थी जो रही मांस की ढेरी रक्त बह गया चार चुफेरे देख उस खून की लाली है जो भी काम किये हैं तूने मानवता को गाली है धन दौलत ही ...
राधे नाम में बसे है राधा श्याम नाम में बसे हैं श्याम श्यामाश्याम भज रे मन मेरे नाम रूप में बसे श्यामाश्याम भेद नहीं कोय नाम और नामी में कह गए कोटि संत ये निष्काम जिव्हा पर र...
राधा राधा नाम से मेरो आँचल भर दीजो ! राधा नाम महाधन इस धन को सञ्चित कर लीजो !! कभी रुके ना जिव्हा मेरी राधा राधा गाने से ! जीवन मेरो सफल भए राधमयी हो जाने से !! अपने नाम की भिक्षा दीज...
श्यामा मोरी का सिंगार ऐसो सोहे नासिका पे नथनी नील परिधान होवे सुकोमल कमर में नीवी बन्धन है अंगों पर कपूर कस्तूरी लेप चन्दन है पैरों में अलता की रंगत सोहे है मस्तक पर सुंदर ...
मोहे काहे बिसराए दियो श्यामाश्याम मुख से निकलत नही अब तेरो नाम काहे न देखे पीर हिय की मेरी कबसे होई युगल चरण की चेरी युगल चरण में ही मिले बिसराम मोहे काहे ........ नित नित तेरो कुञ...
क्या ऐब देखूं खुद में और दुनिया में मुझको अपनी चाकरी से फुर्सत नहीं देना जिस इबादत के बदले में मांग लूँ तुझको मौला मेरे मुझे ऐसी इबादत नहीं देना मोहबत हो सिर्फ तुझसे और नफर...
कलयुग विषय दुःख अति भारी कैसो होय मनुष् उद्धारी ! मिल जावे पल को सत्संग ही विपदा कट ही जावे भारी ! सन्तन को संग पल छिन को ही मन में भगवत् प्रेम उपजावे ! हरि नाम के प्रभाव सों ही प...
नित नित लाड लड़ाऊँ श्यामा बलिहारी मैं बलिहारी सेवा का सुख पाऊँ श्यामा बलिहारी मैं बलिहारी लाडली छवि तेरी को इन नैनों में बसाऊँ इक आवाज़ दे मोहे किशोरी बरसाने मैं आऊँ तेरी श...
तुम मम जीवनप्राण राधिके तुम मम जीवनप्राण तुम बिन जीवन कैसा श्यामा जल बिन मीन समान तुम मम जीवनप्राण..... कोय नाहीं जगत में मेरो तुम जीवन आधार भँवर में डूब रही है नैय्या श्यामा ...
ए मौला अपने दर की फ़क़ीरी दे दो तेरी चौखट पर रोज़ सज़दा करूँ तेरी रज़ा में ही राज़ी रहूँ हमेशा और अपने फ़र्ज़ अदा करूँ नीयत हो पाक मेरी ऐसी बरकत देना तेरे बन्दों से भी तुझसी वफ़ा करूँ ...
तुम मम जीवनप्राण राधिके तुम मम जीवनप्राण तुम बिन जीवन कैसा श्यामा जल बिन मीन समान तुम मम जीवनप्राण..... कोय नाहीं जगत में मेरो तुम जीवन आधार भँवर में डूब रही है नैय्या श्यामा ...
माँ सा प्रेम किया है जिसने नहीं पाया पहचान तू अपने हाथों कत्ल किया है दरिंदा ही है इंसान तू चन्द नोटों की खातिर तूने क्या क्या खेल बनाए हैं जगह जगह खुले हैं बूचड़खाने और मन्...
रो रही तेरी गौ माता रो रही जननी तेरी प्रेम भरी स्नेह भरी थी जो रही मांस की ढेरी रक्त बह गया चार चुफेरे देख उस खून की लाली है जो भी काम किये हैं तूने मानवता को गाली है धन दौलत ही ...
मैंने तो झूठ ही कह दिया आपको और आप ऐतबार कर बैठे हो झूठ मक्कारी ही फितरत मेरी यकीन आप सरकार कर बैठे हो देने को बेहिसाब दिया है अपने और यहां गिनने की फितरत मेरी जो बेहिसाब नवा...
तेरे शहर को भी सज़दा है मेरा सज़दा है सभी बाशिंदों को भी मैंने क्यों चाहत रख ली कोहिनूर की जब मेरी कोई भी हस्ती ही नहीं हाँ निकलते हैं हीरे कई खादानों से मगर कोयले की बहुतात रह...
भजन बिना जीवन सूना रे मनवा सब छोड़ भजन कर प्यारे मन तेरा बार बार दे धोखे मन को हटा ले प्यारे तीर्थ जावे गंगा न्हावै जो उतरे ना मन की मैल कभी नाम हरि का पावन कर दे नाश करे कल्मष ही...
जित देखूं तित श्यामा मोरी ! जित देखूं तित राधा मोरी !! नवल भामिनि नित्य किशोरी ! रास विलासिनी राधा भोरी !! पवन सूर्य में जल में थल में ! चहुँ और निर्बल में सबल में !! मन से श्यामा सब मे...
ए मेरे खुदा तुम भी अजीब दूर लगते हो फिर भी करीब कोई दर्द है कोई प्यास है कभी लगे दूर कभी लगे पास है कण कण में भी हो फिर भी दूर क्यों मानता है दिल जानने का फितूर क्यों आते भी हो स...
क्यों दूर किया मोहे चरणों से लाडली मैं दासी तेरी अब मोहे शरण में राखो स्वामिनी देर भई बहुतेरी जन्मों से मैं दूर हूँ तुमसे प्यारी अब नहीं ठुकराओ तेरी सेवा करूँ मैं निसदिन ल...