इंतज़ार

देख महबूब तेरा इंतज़ार ही तो है
और कुछ नहीं तेरा प्यार ही तो है

आओ या नहीं जो मर्ज़ी हो तुम्हारी
ये गुस्ताख दिल बेकरार ही तो है

नशा कोई और कब किया मैंने
ये तेरे इश्क़ का खुमार ही तो है

कौन कहता है तुम खुदा हो मेरे
मेरे लिए महबूब मेरा यार ही तो है

तेरी याद में मुझे चुभती है हवा भी
मौसम चाहे यहां गुशगवार ही तो है

छूट ही रहा सब जो नहीं हुआ कभी मेरा
इस दुनिया से अब दिल बेज़ार ही तो है

तू जैसे भी रखे मर्ज़ी तेरी कबूल की
आखिर मुझ पर तेरा इख़्तियार ही तो है

तू ही ज़िन्दगी मेरी हर साँस तेरा नाम ले
अब कहाँ कोई गैर तू मेरी सरकार ही तो है

आँखों में मेरी देखो अब क्या छिपाऊँ तुमसे
मुद्दत से जो किया तेरा इंतज़ार ही तो है

तेरा इंतज़ार ही तो है
पल पल इंतज़ार ही तो है

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