ना कोई और

ना कोई और आपके जैसा
है तेरा इश्क़ बस तेरे जैसा

उम्र भर छूटने ना पाएगा
है तेरा रंग भी तेरे जैसा
ना कोई और.....

हमको हो चली दीवानगी सी
है नशा आज कुछ तेरे जैसा
ना कोई और......

मुद्दत से इंतज़ार में थे बैठे
काश कोई यार हो तेरे जैसा
ना कोई और......

हमसफ़र बन गए हो अब मेरे
साथ देता है कौन अब तेरे जैसा
ना कोई और......

काश रख लूँ छिपा कर दिल में तुझे
कुछ नहीं अनमोल अब तेरे जैसा
ना कोई और........

दर्द की काली रात लौट गयी
खुशनुमा यार है तेरे जैसा
ना कोई और.......

तेरी तारीफ करूँ ये मुमकिन नहीं
क्या कोई लफ्ज़ है तेरे जैसा
ना कोई और ......

Comments

Popular posts from this blog

भोरी सखी भाव रस

घुंघरू 2

यूँ तो सुकून