प्रेम पूरित अश्रुओं से

प्रेमपूरित अश्रुओं से मैं तेरो चरण पखारूँ !
नित्य प्रसन्न भए लाडली राधा नाम उचारूँ !!

चरण तेरे धोय दूँ लाडली नैन जल बरसाऊँ !
कौन विधि सों मेरी श्यामा तोहे आज रिझाऊँ !!

कब मोहे शरण में अपनी लीजो विनय करूँ दिन रैन !
तेरी बाट निहारत स्वामिनी छलक रहे मोरे नैन !!

अटपट मोरी वाणी लाडली कौन विधि गुणगान करूँ !
अपने नाम की भिक्षा दीजो श्यामा तब मैं प्राण धरूँ !!

अबहुँ रख लीजो मोरी श्यामा देर भई अबहुँ भारी !
रोय रही कबसों श्यामा लाडली मैं अब दासी तिहारी !!

😭😭😭😭😭😭😭😭

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