मुझको तेरे इश्क़ ने 1

मुझको तेरे इश्क़ ने कुछ ऐसे दीवाना कर दिया
मुझको मेरी मैं ना रही खुद से बेगाना कर दिया
मुझको तेरे इश्क़ ने......

गम सारे जिंदगी के मुझको अज़ीज़ हो गए
रख लिए यूँ सजाकर अब तावीज़ हो गए
तेरे करम ने अब शमा का परवाना कर दिया
मुझको तेरे इश्क़ ने.......

रुस्वाइयां जहां की मेरे पहलू में सिमट गयी
जब से मैं साहिब तेरे दामन से लिपट गयी
इस आशिकी ने खुद से भी अनजाना कर दिया
मुझको तेरे इश्क़ ने.......

तेरे इश्क़ की कशिश ने क्या क्या सिखा दिया
मुझको एक नई राह पर चला दिया
नज़रों से पिला कर जाम हाय मयखाना कर दिया
मुझको तेरे इश्क़ ने........

Comments

Popular posts from this blog

भोरी सखी भाव रस

घुंघरू 2

यूँ तो सुकून