श्याम पहनाये दियो नुपुर
श्याम पहनाए दीयो नुपुर श्यामा पग हीरे मणि मोतिन वारी !
मैं घुंघरू तोरी नुपुर को टूट न जाऊँ श्यामा प्यारी !!
दूर नहीं राखो मोहे चरणन सों नहीं कोई मणि माणिक श्यामा !
तेरो चरणन की रज मिल जावे तबहुँ कहीँ मोहे होय बिसरामा !!
पात्र कुपात्र तुम कब देखी सबको एक समान दुलारा !
शरण पड़ा जो स्वामिनी तेरे तिनको प्रेम दृष्टि सों निहारा !!
मोहे भरोसो स्वामिनी जू को राखो मोहे निज चरणन प्यारी !
चरण तेरे ही ठौर मेरी श्यामा तुम लाडली प्राणन प्यारी !!
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