मेरे प्रियतम
मैं नित्य प्रियतमा हूँ उनकी
मुझमें रहते मेरे प्रियतम
मैं उनकी सदा वो सदा मेरे
यही बात मुझे कहते प्रियतम
नहीं मुझसे कभी पृथक कभी
मुझमें ही रहते मेरे प्रियतम
बन कर रस की धार सदा
मुझमें बहते मेरे प्रियतम
नहीं दूर कभी मुझसे होते
हैं कितने पास मेरे प्रियतम
मैं प्रियतम की प्रियतम मेरे
हम नित्य मिले रहते प्रियतम
नहीं पल भी वियोग कभी मुझसे
हैं संग सदा रहते प्रियतम
कभी हृदय की प्रेम पुकार बने
मुझसे मिलते रहते प्रियतम
नहीं दूर हुए एक क्षण को भी
हैं संग सदा रहते प्रियतम
मेरे प्रियतम मेरे कान्हा जू
तुम मेरे हो मेरे प्रियतम
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