तेरे आने की

तेरे आने की कुछ खबर न मिली
ये भी क्या मिलना की नज़र न मिली
तेरे आने की......

अश्कों की हो रही हैं बरसातें
मेरे हिस्से में गम की काली रातें
इश्क़ वाली वो सहर न मिली
ये भी क्या मिलना की नज़र न मिली
तेरे आने की ........

फिर से तन्हाइयों ने घेरा है
खुशिओं ने क्यों फिर से मुँह फेरा है
क्यों झूमती सी वो लहर न मिली
ये भी क्या मिलना की नज़र न मिली
तेरे आने की .........

क्यों दिल को तुझ पर अब भी ऐतबार है
क्यों हर घड़ी बस तेरा इंतज़ार है
क्यों मैं तुझको तेरे शहर न मिली
ये भी क्या मिलना की नज़र न मिली
तेरे आने की...

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