इश्क़ की

अब मुझको हो रही है बेकरारी इश्क़ की
धीरे धीरे बढ़ रही है ये खुमारी इश्क़ की

तुम ही ख्याल बनकर मेरे दिल में रहते हो
तुम ही सवाल बनकर मेरे दिल में रहते हो
जानती हूँ अदाएं ये हैं सारी इश्क़ की
अब मुझको हो रही है.....

मुझको तेरी चाहत की चाहत हो जाए
मुझको तेरी आदत की आदत हो जाए
हो जाए मुझको तश्नगी ऐसी भारी इश्क़ की
अब मुझको हो रही है.....

तेरे इश्क़ को सलाम तुमने मदहोश कर दिया
क्या मैं जुबां से बोलूं मुझको खामोश कर दिया
खामोशियाँ भी देख लूँ मैं अब सारी इश्क़ की
अब मुझको हो रही है.......

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