आज श्यामा प्यारी
आज श्यामा प्यारी तेरी नज़र उतारूँ
लगे ना नज़र कहीँ मुख ना निहारूँ
आज श्यामा प्यारी ......
ऐसो सुंदर सिंगार कियो श्यामा
निरखें छवि तेरी नैन अविरामा
गल तेरे सोहे माला मोतियन पहनाऊँ
आज श्यामा प्यारी......
नैन ना भिगोवो प्यारी नेक मुस्करा दो
मृदुल हंसी से चहुँ और महकादो
इतो प्यारी श्यामा कारा टीका लगाऊँ
आज श्यामा प्यारी.......
कान में कुण्डल झिलमिलाये हैं
नथ तेरी सजनी कैसी सोहाये है
मधुर छवि पर अपना तन मन वारूँ
आज श्यामा प्यारी ......
अद्भुत रूप सिंगार मेरी प्यारी
देख देख छवि रीझें मोहन मुरारी
आँचल ओढ़ा दूँ सबकी नज़र से बचाऊँ
आज श्यामा प्यारी......
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