मेरे दिल में घर तुम्हारा
मेरे दिल में घर तुम्हारा है
तुम मुझमें ही रहते हो
जब सुनती नहीं आहट कोई
तुम ही दिल की कहते हो
कब तलक मैं ढूंढती तुमको
जा जाकर किसी कूचे में
अब एहसास है मुझको तेरा
तुम दूर नहीं रहते हो
मेरे दिल में घर तुम्हारा है
तुम मुझमें ही रहते हो
हो लब की हंसी भी सनम तुम ही
मेरी हर बात में शामिल हो
जब दूरी का एहसास हुआ
बन अश्क़ तुम्हीं बहते हो
मेरे दिल में घर तुम्हारा है
तुम मुझमें ही रहते हो
सच कहूँ तो कोई गम नहीं मुझको
जब तुम ही शामिल हो मुझमें
तेरी हर बात मैं सुनती हूँ अब
जो सनम तुम मुझसे कहते हो
मेरे दिल में घर तुम्हारा है
तुम मुझमें ही रहते हो
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